महाभारत के महाप्रस्थानिकपर्व में १ उपपर्व, ३ अध्याय एवम कुल १२३ श्लोक हैं।

१. वृष्णिवंशियोंका श्राद्ध करके प्रजाजनोंकी अनुमति ले द्रौपदीसहित पाण्डवोंका महाप्रस्थान
२. मार्गमें द्रौपदी, सहदेव, नकुल, अर्जुन, और भीमसेनका गिरना तथा युधिष्ठिरद्वारा प्रत्येकके गिरनेका कारण बताया जाना
३. युधिष्ठिर इन्द्र और धर्म आदिके साथ वार्तालाप, युधिष्ठिरका अपने धर्ममें दृढ़ रहना तथा सदेह स्वर्ग में जाना