महाभारत के स्वर्गारोहणपर्व में १ उपपर्व, ५ अध्याय एवम कुल २०७ श्लोक हैं।

१. स्वर्गमें नारद और युधिष्ठिरकी बातचीत
२. देवदूतका युधिष्ठिरको नरकका दर्शन कराना तथा भाइयोंका करुणक्रन्दन सुनकर उनका वहीं रहनेका निश्चय करना
३. इन्द्र और धर्मका युधिष्ठिरको सान्त्वना देना तथा युधिष्ठिरका शरीर त्यागकर दिव्य लोकको जाना
४. युधिष्ठिरका दिव्यलोकमें श्रीकृष्ण, अर्जुन आदिका दर्शन करना
५. भीष्म आदि वीरोंका अपने-अपने मूलस्वरूपमें मिलना और महाभारतका उपसंहार तथा माहात्म्य
५.१. महाभारत श्रवणविधि
५.२. महाभारत-माहात्म्य